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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण किसानों की समस्या का तुरंत किया समाधान

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ग्रामीण किसानों की समस्या का तुरंत किया समाधान

छत्तीसगढ़ के गांव मिसदा निवासी रवि शंकर साहू ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपनी समस्या को साझा करते हुए कहा कि अप्रत्याशित दुर्घटना के चलते उसने अपना पैर खो दिया था। रवि अब शारीरिक रूप से असमर्थ है, साथ ही उसने भूपेश बघेल को आर्थिक समस्याओं के बारे में भी बताया जिसके चलते उसकी आजीविका तक संकट से जूझ रही है।

भूपेश बघेल द्वारा सुनी गयी ग्रामीण किसानों की समस्याएँ

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गुरुवार को पामगढ़ विधानसभा स्थित गाँव केरा में किसानों से बात करने के दौरान, उनकी परेशानियों के निस्तारण के लिए विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश देने का कार्य किया। साथ ही गांव की ही मंजुलता टंडन नामक स्त्री द्वारा छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी की देखभाल के सन्दर्भ में भूपेश बघेल जी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में नरवा समाप्त होने की कगार पर थे। भूपेश बघेल जी की सराहनीय पहल के उपरांत भी ग्रीष्म काल में भी इनमें जल मिल सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि जैविक खादवर्मी कंपोस्ट को बढ़ावा देने से धान की उपज में काफी हद तक वृद्धि हुई एवं निश्चित रूप से चावल की गुणवत्ता में भी वृद्धि हुई है। जैविक खाद व वर्मी जमीन को उपजाऊ बनाने में बेहद उपयोगी हैं। मंजू टंडन द्वारा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गए समस्त प्रस्तावों को भूपेश बघेल ने पूरा करने का आश्वासन दिया।


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मुख्यमंत्री ने रवि शंकर शाहू की समस्या का क्या समाधान किया ?

छत्तीसगढ़ के गाँव मिसदा निवासी पीड़ित रवि शंकर साहू द्वारा भूपेश बघेल के सामने उनके साथ हुयी गंभीर दुर्घटना के सम्बन्ध में निराशा के भाव से पैर खोने की बात कही, साथ ही पैर को खोने के बाद रवि को खेती किसानी या अन्य कोई कार्य करने में असमर्थ होने की वजह से उसके जीवन यापन का कोई पर्याप्त साधन नहीं नजर आ रहा है। पूर्व में वह किराना की दुकान भी चलाता था, लेकिन आर्थिक तंगी और शारीरिक असमर्थता के चलते वह भी बंद हो चुकी है। रवि शंकर शाहू की दयनीय स्तिथि और उसकी भावुक करने वाली समस्याओं के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रवि शंकर शाहू को ३ लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

इस योजना से लाखों लोगों को मिली राहत

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को संवाद के दौरान युवा कुलदीप सिंह ने बताया कि उसने हाट बाजार चिकित्सालय की सहायता लेकर उसकी बीमारी का इलाज करवाया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मौजूद लोगों को डॉ. खूबचंद बघेल विशेष सहायता योजना के सन्दर्भ में बताते हुए कहा है कि इस योजना के तहत किसी भी बीमारी के उपचार हेतु ५ लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता मिलती है। युवा कुलदीप के अपेंडेंस का इलाज भी इस योजना के तहत हुआ है, साथ ही न जाने कितने पीड़ित और रोगयुक्त मरीजों ने इस योजना से सहायता प्राप्त की है।
गोधन न्याय योजना की सहायता से किसान ने गोबर बेच बेटे को बना डाला डॉक्टर

गोधन न्याय योजना की सहायता से किसान ने गोबर बेच बेटे को बना डाला डॉक्टर

छात्र आलोक के पिता संतोष का कहना है, कि जब उन्होंने बेटे के डॉक्टर होने की खबर हुई उनका सारा परिवार व परिवारीजन खुशी से झूम उठे। छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना गरीब लोगों के लिए बहुत सहायक साबित हो रही है। यहां पर किसान अपनी आजीविका के लिए गोबर का इस्तेमाल करते हैं, साथ ही अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कराते हैं। बतादें कि कुछ इसी प्रकार का नया मामला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जनपद में देखने को मिला है। यहां के आलोक सिंह के लिए गोधन न्याय योजना बहुत कारगर साबित हुई है। आलोक सिंह नीट की परीक्षा हेतु कोचिंग शुल्क एवं मेडिकल कॉलेज में दाखिले हेतु दौरान गोधन न्याय योजना से अर्जित धनराशि को जमा किया है। आलोक सिंह ने बताया है, कि अगर गोधन न्याय योजना ना होती तो उनका सपना कभी साकार नहीं हो पाता। वहीं, आमखेरवा ग्राम निवासी आलोक के पिताजी संतोष सिंह का मानना है, कि गोधन न्याय योजना उनके जीवन में बहार लेकर के आयी है।


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साथ ही, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आलोक सिंह मेडिकल चयन एवं उनके परिवार के बारे में जानकारी मिली तो। उन्होंने आलोक सिंह व उनके माता-पिता को फोन के माध्यम से शुभकामनायेँ दीं साथ ही, उनके प्रकाशवान भविष्य की कामना की। संतोष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं, कि गोधन न्याय योजना वास्तविकता में हम जैसे आर्थिक रूप से दीनहीन लोगों के बड़े सपनों को साकार करने वाली योजना है। आपकी इस जनहितैषी योजना के कारण मेरा स्वपन साकार हुआ है। उनका कहना है कि, आलोक की नीट परीक्षा हेतु कोचिंग के लिए गोधन न्याय योजना की राशि काफी सहायक साबित हुई है। इसी योजना की धनराशि की सहायता से मेडिकल कॉलेज का शुल्क इत्यादि भरा गया।

गोधन न्याय योजना की सहायता से आज यह सपना साकार हुआ है।

आलोक के पिता संतोष का कहना है, कि उन्हें जैसे ही अपने बेटे अलोक के सफल होने की खबर हुई। सम्पूर्ण परिवार में खुशियों का माहौल छा गया। क्योंकि सभी चाहते थे, कि आलोक एक दिन जरूर डॉक्टर बनकर परिवार का नाम रौशन करे। वे बताते हैं, कि परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुये हमने कभी नहीं सोचा था, कि यह दिन भी आएगा। क्योंकि एक सामान्य पशुपालक परिवार जिसमें आठ लोग हों वहां इस बारे में सोचना भी असंभव होता है। हालाँकि, गोधन न्याय योजना की सहायता से यह सपना साकार हो पाया। उन्होंने बताया कि, वह तकरीबन ४० पशुओं को पालते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के प्रारंभ से ही वह गोबर बेच रहे हैं। वह अब तक ३ लाख २५ हजार रुपए का गोबर बेचा है। उन्होंने कहा कि १२ वीं की परीक्षा उत्तीर्ण होने के उपरांत आलोक ने राजस्थान के कोटा जनपद से नीट की परीक्षा हेतु कोचिंग करने की इच्छा व्यक्त की। कोचिंग फीस का पूर्ण व्यय गोबर बेचकर प्राप्त राशि से हुआ एवं आज पुत्र की उपलब्धि ने मुझे गौरव प्रदान किया है।